Indian Rupee definition and meaning in Hindi:
दोस्तों अगर आप भारतीय कागजी रुपए(Indian rupee) के ऊपर ध्यान से देखेंगे तो आपको हर एक नोटों में एक उभय निष्ठ वाक्य दिखेगा(वह जिनते मूल्य की नोट है,उदाहरण स्वरुप 20 रूपये के नोट पर ) मैं धारक को ₹20 अदा करने का वचन देता हूं। लेकिन हम में से बहुत कम लोगों को यह जानकारी होगी कि आखिर इस वाक्य का मतलब क्या है? मित्रों इस वचन का मतलब होता है कि किसी भी परिस्थिति में उस ₹20 की वैल्यू ₹20 ही होगी परंतु वास्तविकता ऐसा नहीं है। Indian Rupee definition and meaning
मित्रों इसे समझने के लिए हमें रुपया(Indian rupee) के इतिहास में जाना होगा रुपया जोकि संस्कृत शब्दावली rupyaka से ली गई है। उसका अर्थ होता है सिल्वर यानी की चांदी. इतिहास काल को अगर हम देखें तो हमारे देश में अधिकांश विनिमय चांदी या सोने के सिक्कों के तौर पर होता था। धीरे धीरे यह कई प्रांतों और साम्राज्य के आधिकारिक विनिमय के साधन बन गए ब्रिटिश सरकार ने जिस समय कागजी करेंसी की प्रथा भारत में लाई उस समय जितनी भी करेंसी मार्केट में होती थी, उतनी ही बराबर वैल्यू की सोने का स्टॉक रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पास होता था। लेकिन जैसे-जैसे सरकार ने यह महसूस करना शुरू किया कि जब तक लोगों को सरकार और उसके केंद्रीय बैंक पर लोगों का विश्वास है, तब तक लोग कभी भी कागजी रुपयों(Indian rupee) के अगेंस्ट में सोने की मांग नहीं करेंगे। आपको जान कर आश्चर्य होगा कि आज आरबीआई(Reserve Bank of India) के पास मात्र 115 करोड़ गोल्ड रिजर्व ही हैं। Indian Rupee definition and meaning
बिटकॉइन(Bitcoin) क्या है? What is Bitcoin
अतः यह कहना गलत नहीं होगा की आरबीआई(RBI) के द्वारा दिया जा रहा वचन कि मैं धारक को ₹20 अदा करने का वचन देता हूं सिर्फ एक कथन मात्र है।
अब हम यह भी जान लें कि आखिर हमारे पास क्या ऐसी मजबूरी है, क्या हमारे देश की क्या ऐसी व्यवस्था है जिसके वजह से हम पर्याप्त मात्रा में अपने देश में जितनी भी करेंसी वैल्यू है( कागजी) उसके अगेंस्ट सोना रिजर्व क्यों नहीं रख पाते, हमारे देश में पारंपरिक कारणों से सोने की घरेलू मांग काफी ज्यादा है, और उत्पादन काफी कम जिसके वजह से अधिकांश सोना बाहरी देशों से आयात होता है। जिसका सीधा प्रभाव हमारे BOP (Balance of payments ) पर पड़ता है। Indian Rupee definition and meaning
बीओपी(BOP) शब्दावली से बस हम इतना ही समझे कि यह सरकार के पास अवेलेबल फंड होता है, जिसके आधार पर वह विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट और सर्विसेस का आयात और निर्यात दूसरे देशों के साथ करती है। अगर बैलेंस ऑफ पेमेंट काफी कम है तब इसका सकारात्मक प्रभाव हमारी अर्थव्यवस्था पर पड़ता है। अर्थात महंगाई और रोजगार अप्रत्यक्ष रुप से कंट्रोल में होते हैं।
Comment Text*nice