Lessons From Bhagavad Gita in Hindi: आज हम एक ऐसी चीज के बारे में बात करेंगे जो कोई साधारण किताब नहीं है। हिटलर ने इसे संस्कृत से जर्मन में ट्रांसलेट करवाया था, ताकि वह इसके पीछे छुपे रहस्य को जान सके। जूलियस रॉबर्ट ओपेनहाइमर(J. Robert Oppenheimer) जिन्होंने पहला एटॉमिक बम बनवाया था, उन्होंने इसे कई बार पढ़ा था। और एटॉमिक बम बनवाते समय उन्होंने इसकी एक फेमस लाइन भी कही थी… “मैं मृत्यु बन चुका हूं जगत का संहारक”
महाभारत के 3 सबसे बड़े अनसुलझे रहस्य
इस चीज में परमाणु विज्ञान छुपा हुआ है, जबकि यह कई हजार साल पुरानी है। इसकी कुछ भी बातें अगर आपने अपनी जिंदगी में उतार ली तो, आपको कामयाब होने से कोई नहीं रोक पायेगा। जी हां दोस्तों मैं बात कर रहा हूं ‘श्रीमद् भागवत गीता‘ की….
bhagavad gita slokas 1
Yatha dipo nivata- stho
Nengate Sopma smrta
Yogino yata-chittasya
Yunjato yogam atmanah
अगर कोई इंसान मेडिटेशन यानी ध्यान लगाने पर महारत हासिल कर लेता है। तो उसका दिमाग किसी लैंप में बसी उस लौ की तरह हो जाता है, जो तेज हवाओं में भी हिलती-डुलती नहीं है और अपनी जगह पर स्थिर रहती है। हम में से ज्यादातर लोग मेडिटेशन यानी ध्यान लगाने की प्रक्रिया को बोरिंग मानते हैं। ज्यादातर लोग यह सोचते हैं कि.. कोई कैसे बैठ सकता है अपनी आंखों को बंद करके और बेफाल्तू के विचारों को अपने दिमाग से निकाल कर राइट। लेकिन साइंटिफिक स्टडी में यह पाया गया है कि जो शख्स मेडिटेशन करता है, उसके कंसंट्रेशन पावर और लोगों से ज्यादा होती है। वह शक्स ज्यादा फोकस रहता है और तो और उस व्यक्ति की उम्र उसके शरीर पर ज्यादा प्रभाव नहीं कर पाती, यानी कि बढ़ती उम्र में भी वह शख्स जवान दिखता है।
bhagavad gita slokas 2
Sreyan sva-dharmo vigunah
Para- dharmat sv-anusthitat
Sva- dharme nidhanam sreyah
Para- dharmo bhayavahah
हमारा लक्ष्य बाधाओं पर डिपेंडेंट( निर्धारित) रहता है, जितनी कम बाधाएं उतना छोटा लक्ष्य। क्या आप का किसी चीज का सपना बड़ा है तो सोचिये की आपको उसे हासिल करने से कौन रोक रहा है। ज्यादातर लोग बड़े लक्ष्य को हासिल नहीं करने के बाद हार मान लेते हैं और छोटी चीजों में ही सेटलमेंट यानी कि संतुष्ट हो जाते हैं। और आसान रास्ता ले लेते हैं। यहां पर यह बोला जा रहा है कि ‘बड़ा सोचो’। ऐसा नहीं दोस्तों कि पहले आपने एक घर लेने का सोचा और बाद में मोटरसाइकिल लेने के बाद ही संतुष्ट हो गए।
हालांकि छोटे लछ्य भी जरूरी है, लेकिन अपना अल्टीमेट गोल्ड यानी लक्ष्य उसे भूल जाना यह गलत है। कम में संतुष्ट मत रहो, मेहनत करो और बड़े लक्ष्य को हासिल करो। Lessons From Bhagavad Gita in Hindi
bhagavad gita slokas 3
Uddhared atmanatmanam
natmanam avasadayet
atmaiva hyatmano bandhur
atmaiva ripur atmanah
आपको अपने दिमाग और मन की सहायता से अपने आप को सक्षम बनाना होगा। कोई भी शख्स एफर्ट यानी कि मेहनत से ही बड़ा बन सकता है। वह चाहे तो एक समय में ही अब्बल और एक ही समय में नीचे गिर सकता है। हमेशा याद रखिए कि आप खुद के ही एक सच्चे मित्र हो यानी ट्रू फ्रेंड, जो आपको किसी जगह भी अब्बल बनवा देगा। लेकिन जब आपको अपने मन पर ही नियंत्रण नहीं होगा, तो आप खुद के ही सबसे बड़े शत्रु बन जाओगे। जो आपकी जिंदगी तबाह कर देगा।
bhagavad gita slokas 4
Sattvanurupa sarvasya
sraddha bhavati bharata
sraddha-mayo ‘yam puruso
yo yac-chraddhah sa eva sah
जिस शख्स की जैसे विचार और श्रद्धा होती है वह वैसा ही बन जाता है। और वैसा ही वातावरण बनाने और पाने में वह सक्षम रहता है। जैसे कि आप खुश रहने के विचार रखोगे तो आप हमेशा खुश ही रहोगे, और अगर आप दुख भरे विचार सोचोगे तो आप एक दुख भरी व्यक्ति का जीवन जिओगे।
आप अपने आसपास के वातावरण को अपनी सोच के द्वारा ही ढाल पाते हो। जैसे कि अगर आपका कोई इंटरव्यू है, और अगर आप पॉजिटिव रहते हो यह सोच कर कि आप इंटरव्यू में सिलेक्ट हो जाओगे, तो हां चांसेस हैं कि आप सिलेक्ट हो जाओगे। क्योंकि उस समय आपकी सोच ने आपके लिए एक पॉजिटिव वातावरण तैयार कर दिया था। जिससे की आपका उस इंटरव्यू में सिलेक्ट होने के चांसेस बढ़ गए, तो अपनी सोच पर ध्यान दो। जैसा सोचोगे वैसा ही होगा पर हां उस सोच में पूरी श्रद्धा होनी चाहिए।
bhagavad gita slokas 5
Matra-sparsas tu kamunteya
sitosna-sukha-duhkha-dah
agamapayino ‘nityas
tams titiksasva bharata
चीजों को सहना सीखो कैसी भी परिस्थिति हो उसे सहना सीखो। दुनिया में कुछ भी परमानेंट(स्थिर) नहीं है। जैसा कि हमारे मौसम, वह हमेशा बदलते रहते हैं। सर्दी, गर्मी और बरसात स्थिर नहीं है। वह समय के साथ बदल जाते हैं। उसी प्रकार आपके जीवन में आए दुख, दर्द और खुशी भी परमानेंट नहीं है आएंगी और जाएंगी।
भले ही बुरा वक़्त आये, पर उसे सहना सीखो ना कि उसे अपने जीवन पर प्रभाव डालने दो। कोई भी चीज इस दुनिया में परमानेंट नहीं है, सिर्फ बदलाव ही हर समय बदलता रहता है।
bhagavad gita slokas 6
Adhibhutam ksaro bhavah
purusas carhidaivatam
adhiyajno ‘ham evatra
dehe deha-bhrtam vara
Change is the law of universe आप भले ही करोड़पति हों, लेकिन एक पल में ही आप सब कुछ खो सकते हो। कुछ भी हमारे जीवन में परमानेंट नहीं रहता। पृथ्वी हमेशा घूमते रहती है, एक जगह खड़े नहीं रहती। दिन और रात गुजरते जाते हैं गर्मियों के मौसम के बाद मानसून आता है। यह सारी चीजें हम सब को शिक्षा देती हैं कि हमारा यूनिवर्स( ब्रह्मांड) अनस्थिरता यानी Im-permanence को फॉलो करता है। यही law of universe है। इसीलिए किसी को भी, किसी चीज का अहंकार नहीं होना चाहिए। जैसा कि ज्यादा पैसे का अहंकार होना, एक नादान हरकत है। क्योंकि एक पल में सब कुछ गायब भी हो सकता है।
bhagavad gita slokas 7
Karmany cvadhikaras te
ma phalesu kadacana
ma karma-phala-hetur bhur
ma te sango ‘stv akarmani
अपने काम पर ध्यान दो उनके रिजल्ट पर नहीं। यह श्रीमद्भागवत गीता का सबसे पॉपुलर श्लोक है। जैसा कि हमें बचपन में सिखाया भी जाता था कि कर्म करो फल की चिंता ना करो।
भगवान श्री कृष्ण ने यह बताया है कि जरूरी क्या है Results या Action यानी कर्म या फल।
तो यहां पर उत्तर है एक्शन(कर्म)। अगर आपके एक्शन इंप्रूव होंगे तभी रिजल्ट्स बेहतर आएगा। क्योंकि हमारे एक्शन एक Sure probeblity होते हैं, जिन पर काम किया जा सकता है। और रिजल्ट एक Unsure probeblity होते हैं, क्योंकि वह कुछ भी हो सकते हैं। भगवान कृष्ण यह भी कहते हैं कि हर बार अपने आप को खराब रिजल्ट के लिए दोस मत दो। क्योंकि रिजल्ट दूसरे फैक्टर्स पर भी डिपेंड करते हैं जैसे कि सिचुएशन, कंडीशन, इन्वायरमेंट और यह भी की उस काम में कौन-कौन इन्वॉल्व था।
भगवान को किसने बनाया? वेदों का जवाब
भगवत गीता इस संसार का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है। मैंने आपको इसकी कुछ चुनिंदा बातें ही बताई है। अगर आप इसे पूरा पढ़ेंगे तो आपको हैरानी होगी कि कई सौ साल पहले लिखी गई इस ग्रंथ में ऐसी बातें लिखी गई है जो आज भी एप्लीकेबल (प्रयोगात्मक) है।
भगवान श्रीकृष्ण ने स्वयं कहा है कि जो हुआ अच्छे के लिए ही हुआ,और जो हो रहा है वह अच्छे के लिए ही हो रहा है, और जो होगा वह भी अच्छे के लिए ही होगा।
दोस्तों आज के इस पोस्ट में इतना ही। आपकी मनपसंद किताब कौन सी है? हमें कमेंट बॉक्स में जरुर बताइएगा। और हर बार की तरह उम्मीद करते हैं की आपको हमारा यह पोस्ट Lessons From Bhagavad Gita in Hindi पसंद आया होगा। अगर आपको पोस्ट पसंद आया तो इसे आप अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिए। धन्यवाद॥
बहुत गजब मेरी पसंदीदा किताब ही भगवद गीता है। इसमें मुझे जन्म, मृत्यु, पाप, पुण्य, आत्मा, परमात्मा, स्वर्ग नर्ग, कर्म, विकर्म, हंसी, ख़ुशी, दुःख, हर्ष, रिश्ते – नाते, अपना पराया, पूजा भक्ति, सब कुछ के बारे में पता चला है वह बी बहुत सजह शब्दों में, एक एक श्लोक का अर्थ इतना गहरा है की जितना समझो उतना कम लगता है।