नारी शक्ति पर कविता Poem on Nari Shakti in Hindi:
नारी शक्ति तू क्यों घबराए
कसकर कमर उठा तलवार
निकल ऐसे पथ डगमगाए
गर्जना से तेरी आंधी भी थर्राये
दरिंदगी भी सामने तुम्हारे सर झुकाए
दसों दिशाओं में ललकार लिए
जिधर बढ़ो जय-जयकार कर जाए
नारी शक्ति तू क्यों घबराए
नुक्कड़ों में भी नारी शक्ति का संचार हो
ऐसी दृढ़ शक्ति का पैगाम लिए
रोक न खुद को आह लिए
तोड़ के बंधन आंचल लहराए
यह जमी और आसंमा थम जाये
नाउम्मीदी भी तुझे रोक न पाए
नारी शक्ति तू क्यों घबराए
विजय पताका तू फहराए
गगन चूमे बादल छट जाए
कसकर कमर जो आगे आए
तूफां भी टकराकर झुक जाए
गूंज से तेरी वक्त भी रुक जाए
अब जहां में तू क्यों शरमाए
नारी शक्ति तू क्यों घबराए
यह भी पढ़ें:- वक़्त Hindi poem on waqt
ठंढ की चुभन Winter Season Poem in Hindi
Poem By Archana Snehi
आपकी लिखी रचना ब्लॉग “पांच लिंकों का आनन्द” 24 अक्टूबर शनिवार 2020 को साझा की गयी है……… पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा….धन्यवाद!