who created gods in hindi: दोस्तों पिछले 5000 सालों से एक सवाल चलता चला आ रहा है। और यह सवाल उठना स्वाभाविक है, नेचुरल है। आप इसके बारे में अगर Google पर सर्च करेंगे तो आपको कई वीडियो और पोस्ट मिल जाएंगे, लेकिन किसी में भी सही जवाब नहीं दिया है। वास्तव में इस सवाल का जवाब वेद और वैदिक ज्ञान के द्वारा ही संभव है। सवाल है की इतने बड़े ब्रह्मांड को ईश्वर ने बनाया, तो ईश्वर यानी भगवान को किसने बनाया? who created gods in hindi दोस्तों सवाल कोई बड़ा नहीं है यह सवाल किसी भी जिज्ञासु व्यक्ति के मन में आना स्वभाविक है।
दुनिया में जितनी भी वस्तुएं बनी हुई है उनको कोई न कोई बनाने वाला है। फिर इस ब्रह्मांड को भी किसी ने बनाया होगा, लेकिन जिसने ब्रह्मांड बनाया है उसे किसने बनाया? वेद और पुराणों के अनुसार, इसी सवाल का जवाब आज हम दे रहे हैं।
Who Created Gods in Hindi
दोस्तों बनाया उसे जाता है जिसमें बनावट हो। ईश्वर अर्थात भगवान में कोई बनावट ही नहीं तो उन्हें कौन बनाएगा। आप ब्रह्मांड में किसी भी वस्तु को देख लीजिए हर बनी हुई वस्तु में आपको बनावट दिखाई देगी, कला दिखाई देगी, इसलिए उसका कोई कलाकार भी होगा। जब ईश्वर निराकार है और ईश्वर में कोई बनावट ही नहीं है तो उन्हें बना हुआ या पैदा हुआ कैसे माना जा सकता है। अगर मैं आपसे पूछूं कि एक शर्ट को किसने बनाया? तो आप कहेंगे दर्जी ने बनाया है। आप यह नहीं कहेंगे कि लोहार ने बनाया है। क्योंकि शर्ट में जो बनावट दिखती है, जो कला दिखती है, उसका कलाकार दर्जी है लोहार नहीं। यानी कि कला से कलाकार का पता चलता है। और जब परमात्मा यानी ईश्वर निराकार है उसमें कोई बनावट ही नहीं है, उसमें कोई कला ही नहीं है, किसी की कला उसमें दिखाई नहीं देती तो उसका कोई कलाकार कैसे हो सकता है। इसलिए ईश्वर को किसी ने नहीं बनाया है वह हमेशा से हैं। who created gods in hindi
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अगर कोई फिर भी आपसे जिद करें की हर वस्तु को कोई बनाने वाला होता है। तो जरा कोई यह बताए की ऊर्जा अर्थात एनर्जी किसने बनाया है? यह जो आकाश दिखता है इसे किसने बनाया? क्या आकाश में आपको बनावट नजर आती है, जिस तरह से आकाश हमेशा से है। इसी तरह से ईश्वर हमेशा से हैं उन्हें किसी ने नहीं बनाया। जो भी वस्तु बनी हुई है उसे बनाया जाता है। ईश्वर, आकाश, ऊर्जा, आत्मा और परमात्मा यह सभी कभी बने ही नहीं हैं, तो इन्हें बनाने वाला कैसे होगा। यह हमेशा से हैं और हमेशा रहेंगे।
वैदिक शास्त्रों के सिद्धांत है
मुला भावार्थ मुलंम:- यानी की मूल के मूल का अभाव होता है मतलब कि मूल कारण का कोई कारण नहीं होता।
आप किसी पदार्थ को तोड़ते चले जाओ, काटते चले जाओ, अंत में एक ऐसी अवस्था आएगी जब आप उसे काट या तोड़ नहीं पाएंगे, वह मूल है। उसका कोई मूल नहीं।
आप इसको ऐसे ही समझ सकते हैं… हम सब का आधार पृथ्वी है। हम सब पृथ्वी पर टिके हुए हैं, पृथ्वी का आधार सूरज है, सूरज का आधार हमारे Galaxy के केंद्र में स्थित ब्लैक-होल है। इस तरह से ब्रह्मांड का आधार अनंत आकाश है। क्या अनंत आकाश का भी कोई आधार हो सकता है? आकाश सब का आधार है आकाश मूल है उसका कोई मूल नहीं। इस तरह पूरे ब्रह्मांड को चलाने वाला मूल ईश्वर यानी भगवान हैं, उनका कोई मूल नहीं। नीव की कभी नीव नहीं होती, जड़ की कभी जड़ नहीं होती, इस तरह मूल का कभी मूल नहीं होता। who created gods in hindi
इसलिए ईश्वर को किसी ने नहीं बनाया। और जो वस्तु बनी हुई होती है वह नष्ट भी होती है। लेकिन जो वस्तु कभी बनी ही नहीं, वह कभी नष्ट भी नहीं होती। आप जानते हैं की एनर्जी कभी बनी नहीं बनी, इसलिए उसे कभी भी नष्ट नहीं किया जा सकता। यह आकाश कभी बना नहीं, इसलिए कभी नष्ट नहीं होता, परमाणु कभी बना नहीं इसलिए कभी खत्म नहीं होता, इसलिए अगर कोई चीज खत्म नहीं होती तो इसका मतलब यह हुआ कि वह पैदा भी नहीं होती।
जैसे ऊर्जा और आत्मा पैदा भी नहीं होती। आत्मा अमर है नष्ट नहीं होती, इसलिए यह कभी पैदा भी नहीं होती। इसी तरह इश्वर अमर हैं। वह कभी नष्ट नहीं होते हैं इसलिए वह कभी पैदा भी नहीं होते हैं। ईश्वर अर्थात भगवान हमेशा से हैं। वह अनादि हैं, निराकार हैं, सर्वव्यापक हैं, ईश्वर को किसी ने नहीं बनाया है।
हमें विश्वास है कि वेद के इस जवाब को संसार में कोई चुनौती नहीं दे सकता। अगर आप को भी इस पर विश्वास है और आपको हमारा यह पोस्ट “who created gods in hindi” पसंद आया है तो आप इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर कीजिए। धन्यवाद॥
बहुत बहुत धन्यवाद आपका।।। जय हो।।। जयश्रीराधेकृष्ण
You are right bhai
Eska koi jvav nhi
Vah kya likha hai
Man khush kar diya
realy great post thanks
Was very good posts thanks bro
mr boklol ji esi liye mera desh peeche ja rha hai aisi post ki vajah se
tumhara eshvar kaisa hai yr kisi ko jyada power de di hai kisi ko deta hi nhi
varn vyavastha kyo banai gai hai corona kal me tumhara bhagvan kaha gaya bhai bolao kuchh poochhna hai